SCERT Assam Class 8 Hindi Chapter 6 – “भारतीय संगीत की एक झलक” Summary & Solutions
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📖 अध्याय परिचय:
यह पाठ भारतीय संगीत की समृद्ध परंपरा और इसकी विशेषताओं को प्रस्तुत करता है। इसमें शास्त्रीय और लोक संगीत की विविधताओं का उल्लेख किया गया है।
- भारतीय शास्त्रीय संगीत: हिन्दुस्तानी और कर्नाटक संगीत की परंपरा।
- लोक संगीत: विभिन्न राज्यों के लोक गीत और उनकी विशेषताएँ।
- संगीत और संस्कृति: भारतीय समाज में संगीत की भूमिका।
📌 मुख्य विषय:
- भारतीय संगीत के कितने प्रकार होते हैं?
- हिन्दुस्तानी और कर्नाटक संगीत में क्या अंतर है?
- लोक संगीत भारतीय संस्कृति में क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारतीय संगीत का वैश्विक प्रभाव क्या है?
📝 Ospin Academy कैसे मदद करता है?
- संपूर्ण समाधान: SCERT Assam Class 8 Hindi Chapter 6 के सभी उत्तर।
- MCQs और अतिरिक्त प्रश्न: परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न।
- सरल व्याख्या: समझने में आसान भाषा में समाधान।
- त्वरित पुनरावृत्ति नोट्स: परीक्षा से पहले पढ़ने के लिए संक्षिप्त नोट्स।
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Class 8 Hindi (Pallav Bhag-III) PDF Solutions 2025-26 | SCERT Assam
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Class 8 Hindi
Chapter – 6 (Ospin Academy)
भारतीय संगीत की एक झलक
अभ्यास–माला |
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1. निम्नलिखित प्रश्नों के नीचे दिए गए उत्तरों में से एक सही है। सही उत्तर का चयन करो:
(क) ‘दिल हुम हुम करे घबराए ………….. बरसाए।’ इस गीत के रचयिता हैं-
(i) लता मंगेशकर।
(ii) भूपेन हाजरिका।
(iii) ए.आर. रहमान।
(iv) जावेद अख्तर।
उत्तर: (ii) भूपेन हाजरिका।
(ख) अकबर के राजदरबार के संगीतज्ञ थे–
(i) बीरबल।
(ii) हुमायूँ।
(iii) तानसेन।
(iv) अबुल फलाज।
उत्तर: (iv) अबुल फलाज।
(ग) भारतीय संगीत की शुरुआत कब हुई थी ?
(i) वैदिक युग से।
(ii) नव प्रस्तर युग से।
(iii) भक्ति युग से।
(iv) आधुनिक युग से।
उत्तर: (iv) आधुनिक युग से।
(घ) पं रविशंकर किस वाद्य के श्रेष्ठ कलाकार हैं?
(i) तबला।
(ii) शनाई।
(iii) सितार।
(iv) सरोद।
उत्तर: (iii) सितार।
(ङ) भारतीय संगीत की कितनी प्रचलित धाराएं है?
(i) एक।
(ii) दो।
(iii) तीन।
(iv) चार।
उत्तर: (ii) दो।
2. उत्तर लिखो:
(क) आचार्य शारंगदेव के अनुसार संगीत की परिभाषा क्या है?
उत्तर: आचार्य शारंगदेव के अनुसार संगीत की परिभाषा बंगला और हिंदी।
(ख) भारतीय शास्त्रीय संगीत की कितनी धाराएँ हैं? ये क्या-क्या हैं?
उत्तर: भारतीय शास्त्रीय संगीत की तीन धाराएं है। ये बंगला, असमिया और हिंदी।
(ग) हिंदुस्तानी संगीत की धारा का प्रचलन कहाँ-कहाँ है?
उत्तर: हिंदुस्तानी संगीत की धारा का प्रचलन कर्नाटकी अथवा दक्षिण भारत, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आदि स्थानों में हिंदुस्तानी संगीत की धारा प्रचलित है।
(घ) दक्षिण भारतीय संगीत क्या है? इस धारा का संगीत कहाँ-कहाँ प्रचलित है?
उत्तर: दक्षिण भारतीय संगीत बंगला है। इस धारा का संगीत असम बंगाल बिहार आदि प्रचलित है।
(ङ) नेहा ने शास्त्रीय संगीत सीखने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर: नेहा ने शास्त्रीय संगीत सीखने का निश्चय इसलिए किया क्योंकि बाद में भारतीय संगीत पर ईरान, फारस, अरब आदि देशों के संगीत का भी प्रभाव पड़ा।
(च) सत्रीया नृत्य के प्रवर्तक कौन हैं? इसे लोकप्रिय बनाने में किन कलाकारों का योगदान है?
उत्तर: सत्रीया नृत्य के प्रवर्तक महापुरुष शंकरदेव है। इसे लोकप्रिय बनाने में नृत्यकार मणिराम बायन मुक्तियार, रखेश्वर यइकीया ‘बरबायन’ और नृत्याचार्य यतीन गौस्वामी आदि कलाकारों का योगदान है।
पाठ के आस-पास |
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1. भारतीय संगीत में व्यवहृत होने वाले मुख्य स्वर हैं- षड़ज, ऋषभ, गंधार, पंचम, धैवत और निषाद। संक्षेप में इन स्वरों को सा, रे, गा, मा, पा, धा और नि कहा जाता है। आओ, हम इन स्वरों को कक्षा में सुर के साथ गाएँ।
उत्तर: छात्र – तात्री खुद करे।
2. भारतीय शास्त्रीय संगीत को विभिन्न दिशाओं में अलग अलग कलाकारों ने लोकप्रिय बनाया है। उनमें से कुछ कलाकारों के नाम सोचो, ढूँढ़ो और लिखो:
उत्तर: तुमलोगों की सहायता के लिए निम्नलिखित विषयों के एक एक कलाकारों के नाम दिए गए है:
(क) तंबला बादक: पं सामता प्रसाद,पवन बरदल,पं जाकिर हुसेइन।
(ख) सरोद वादक: उस्ताद आली अक्वर खाँ,उस्ताद आमजाद आली खाँ,अमन आली,आयान आली।
(ग) शहनाई बादक: उस्ताद विसमिल्लाह खाँ,बांगाश खाँ।
(घ) सितार वादक: पं रवि शंकर,पं सुनील शास्त्री।
(ङ) बाँसुरी बादक: पं हरिप्रसाद चौरासिया,प्रभात शर्मा,दीपक शर्मा।
3. शास्त्रीय संगीत, लघु शास्त्रीय संगीत और आधुनिक संगीत की तुलना करो और इनका अन्तर बताओ।
उत्तर: शास्त्रीय सगीन, लघु शास्त्रीय संगीत और आधुनिक सगीत इन तीनों में से शास्त्रीय संगीत बड़े-बड़े महान कलाकारों से गहरें सम्बंध हैं। भारतीय संगीत जगत में एक महत्वपूर्ण देन है। शास्त्रीय संगीत भारतीय संगीत जगत अति पूरना है। घधु स्त्रीय संगीत का महत्व भारतीय संगीत शास्त्र में उसे कम रहीं है।
4. भारतीय शास्त्रीय नृत्य को कुछ कलाकारों ने लोकप्रिय बनाया है। उन कलाकारों के नाम ढूँढ़ो और लिखो।
(i) सत्रिया नृत्य।
(ii) भरत नाट्यम।
(iii) कथक नृत्य।
(iv) कथकली।
(v) ओडिसी।
(vi) मणिपुरी।
(vii) मोहिनी आत्तम।
उत्तर:
सत्रिया नृत्य |
भरत नाट्यम |
कथक नृत्य |
कथकली |
ओडिसी |
मणिपुरी |
मोहिनी आत्तम |
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महापुरुष शंकरदेव |
रुक्मिणी देवी |
शंभू महाराज |
गुरु शंकर |
इलम एंद्रदाई |
चिन्नामू अम्मा |
पद्म सुब्रह्मण्यम |
मणिराम वायन मुक्तियार |
लीला सैमसन |
विरजू महाराज |
शांता राव |
झवेरी गुरुपीन |
कल्याणी अम्मा |
अलारमेल वल्ली |
रखेश्वर शइकीया |
एरुंडले बोरा |
सरिता देवी |
महादेवी मुद्गल |
दर्शाना |
गुरुबिपीन सिंह |
यामिनी कृष्णमूर्ति |
5.आदर्श संगीत महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में संगीत की निम्नलिखित प्रतियोगिता रखी गई हैं:
भजन, खयाल, तबला वादन, सितार वादन, कथक नृत्य, बरगीत, सत्रीया नृत्य, आधुनिक गीत, ज्योति संगीत,बिहु नृत्य।
(क) दीया ने बिहु नृत्य में भाग लिया है। तुम किस प्रतियोगिता ‘मे भाग लेना चाहती हो और क्यो ? उसके बारे में पाँच पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।
(ख) उपर्युक्त प्रतियोगिताएँ संगीत की निम्नलिखित श्रेणियों से किस-किसके अंतर्गत आती है, जानकारी प्राप्त करो:
(i) शास्त्रीय संगीत
उत्तर: शास्त्रीय संगीत: भजन , खयाल तबला वादन , सितार वादन।
(ii) लघु शास्त्रीय नृत्य।
उत्तर: लघु शास्त्रीय नृत्य: कथक नृत्य।
(iii) आधुनिक गीत।
उत्तर: आधुनिक गीत: आधुनिक गीत।
(iv) लोकसंगीत।
उत्तर: लोकसंगीत: वरगीत , सत्रीया नृत्य , ज्योति संगीत , बिहु नृत्य।
योग्यता – विस्तार |
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1. गीतों के निम्नलिखित प्रकारों के बारे में जानकारी हासिल करो और उन पर एक–एक अनुच्छेद लिखक शिक्षक-शिक्षिका को दिखाओ:
(i) बरगीत।
(ii) ज्योति संगीत।
(iii) रवींद्र संगीत।
(iv) विष्णुराभा संगीत।
उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।
2. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य बनाओ:
श्रीगणेश करना, तय करना, गले लगाना, हाथ बँटाना, फूला न समाना, आखों का तारा।
उत्तर: (i) श्रीगणेश करना (आरंभ करना) = आज मेने अपने दुकान की श्रीगणेश किया।
(ii) तय करना (निश्चय करना) = राम ने खेलने की तय की है।
(iii) गले लगना (अपनाना) = रिया ने उसके भाई को गले लगाया।
(iv) हाथ बँटाना (सहायता करना) = नेहा ने उसके मां को खाना बनाने में हाथ बँटाया।
(v) फूला न समाना (बहुत खुश होना) = बहुत दिनों के बाद अपने अंतरंग मित्र को देखते ही हरि फूला न समाया।
(vi) आखों का तारा (बहुत प्रिय होना) = मेरे पिताजी मेरे आखों का तारा है।
3. संगीत सबको पसंद है। तुम्हें संगीत का कौन-सा प्रकार ज्यादा पसंद है और क्यों? – इस पर पाँ वाक्य लिखो।
उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।
भाषा–अध्ययन |
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1. इन वाक्यों को ध्यान से पढ़ो
(क) राम भात खाता है।
(ख) सीता भात खाती है।
(ग) हम भात खाते हैं।
(घ) लड़कियाँ भात खाती हैं।
पहले वाक्य में ‘राम’ कर्ता है और क्रिया का रूप हुआ है ‘खाता है’। परंतु दूसरे वाक्य में कर्ता ‘सीता’ है और क्रिया का रूप हुआ है ‘खाती है’। इसका कारण यह है कि राम पुल्लिंग शब्द है और सीता स्त्रीलिंग शब्द। हिंदी के वाक्य में कर्ता के पुल्लिंग या स्त्रीलिंग होने पर क्रिया का रूप बदलता है। तीसरे बाक्य में कर्ता है ‘हम’ जो पुल्लिंग बहुवचन में है और चौथे वाक्य में कर्ता ‘लड़कियाँ’ स्त्रीलिंग बहुवचन में है। इन वाक्यों में क्रिया के रूप क्रमशः ‘खाते हैं’ और ‘खाती हैं’ हुए हैं। कर्ता के लिंग बदलने पर भी क्रिया का रूप बदल जाता है। अतः देखा गया कि ऊपर के वाक्यों में क्रिया के रूप कर्ता के अनुसार हुए हैं।
कुछ और वाक्य देखो
राम ने भात खाया।
राम ने रोटी खाई।
सीता ने भात खाया।
सीता ने रोटी खाई।
पहले दो वाक्यों में कर्ता ‘राम ने’ है परंतु क्रिया के रूप अलग-अलग ‘खाया’ और ‘खाई’ हो गए हैं। इसी प्रकार अंतिम दो वाक्यों में कर्ता’ सीता ने’ है पर क्रिया के रूप ‘खाया’ और ‘खाई’ हो गए हैं। इन वाक्यों में क्रिया के रूप कर्ता के अनुसार नहीं बल्कि कर्म के अनुसार बदले हैं। पहले और तीसरे वाक्यों में ‘भात’ कर्म है और वह पुल्लिंग है। इसलिए क्रिया का रूप ‘खाया’ हुआ। दूसरे और चौथे वाक्यों में ‘रोटी’ कर्म है जो स्त्रीलिंग है। इसलिए इन वाक्यों में क्रिया का रूप ‘खाई’ हुआ है। अर्थात इन वाक्यों में क्रिया के रूप कर्म के अनुसार हुए हैं।
इसे भी जान लो:
ऊपर के वाक्यों से तुम लोगों को मालूम हो चुका है कि कुछ वाक्यों में कर्ता के साथ ‘ने’ विभक्ति का प्रयोग होता है और कुछ वाक्यों में नहीं होता। ‘ने’ का प्रयोग केवल भूतकाल में और सकर्मक क्रियाओं के कर्ता के साथ किया जाता है।
2. क्रिया के जिस रूपांतर से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया द्वारा किए गए विधान का विषय कर्ता है अथवा कर्म है या भाव है उसे वाच्य कहते हैं।
उदाहरण: कर्तृवाच्य
मैं आम खाता हूँ।
संजू रोटी खाता है।
कर्मवाच्य
मुझसे आम खाया जाता है।
संजू से रोटी खायी जाती है।
(i) में गीत गाता हूं।
उत्तर: मुझसे गीत गाया जाता है।
(ii) राजू गेंद खेलता है।
उत्तर: राजू से गेंद खेला जाता है।
(iii) रीमा चिट्ठी लिखती है।
उत्तर: रिमासे चिट्ठी लिखी जाती है।
(iv) मांँ दोनो के लिए चाय लाई।
उत्तर: मांँ से दोनो के लिए चाय लाई जाती है।
3. निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान से पढ़ोः
(i) वर्षा हुई। (सामान्य भूत)
(ii) वर्षा हुई है। (आसन्न भूत)
(iii) वर्षा हुई थी। (पूर्ण भूत)
(iv) वर्षा हो रही थी। (तात्कालिक भूत)
(v) वहाँ पहले खूब वर्षा होती थी। (अपूर्ण भूत)
(vi) वर्षा हुई होगी। (संदिग्ध भूत)
(vii) यदि वर्षा होती तो खेती नहीं सूखती। (हेतु-हेतुमद्भूत)
ऊपर के वाक्यों के क्रिया-रूपों से पता चलता है कि काम बीते हुए समय में हुआ था। जिस क्रि से बीते हुए समय का बोध होता है, उसे भूतकाल कहते हैं। भूतकाल के सात भेद माने जाते हैं- उपर्युक्त वाक्यों में कोष्ठक में दिखाए गए हैं।
अब निम्नलिखित वाक्यों को भूतकाल में परिवर्तित करो :
(i) दोपहर का समय है।
उत्तर: दोपहर का समय था।
(ii) नेहा, स्नेहा की सहेली है।
उत्तर: नेहा, स्नेहा की सहेली थी।
(iii) राजू गेंद खेलता है।
उत्तर: राजू गेंद खेलता था।
(iv) रेहना खत लिख रही है।
उत्तर: रेहना खत लिख रही थी।
(v) हम कल दिल्ली जाएंगे।
उत्तर: हम कल दिल्ली गए थे।
4 निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करो:
(क) यह तुमने बहुत अच्छा सवाल पूछी है?
उत्तर: यह तुमने बहुत अच्छा सवाल पूछा है।
(ख) रोहन ने पुस्तक पढ़ा।
उत्तर: रोहन ने पुस्तक पढ़ी।
(ग) सीमा ने भात भाई।
उत्तर: सीमा ने भात भाई।
(घ) अयन ने रोटी खाया।
उत्तर: अयन ने रोटी खाई।
(ङ) सेठानी ने राजा से सवाल की।
उत्तर: सेठानी ने राजा से सवाल करी।
परियोजना |
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1. अब तुमलोग मंडली बना लो। हमारे असम में प्रचलित कुछ गीत जैसे- ज्योति संगीत, विष्णुराभा संगीत, बरगीत और जिकिर आदि का संग्रह करो और गीत की एक पुस्तिका प्रस्तुत करो।
उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।
तुम्हारे अंचल में प्रचलित संगीतों की एक तालिका बनाओ और साथ ही कुछ कलाकारों के नाम लिखो।
उत्तर: छात्र – छात्री खुद करे।
आओ, पाठ में आए कुछ नये शब्दों के अर्थ जाने:
शब्द |
अर्थ |
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धुन |
|
मशहूर |
|
शुरुआत |
|
श्रीगणेश होना |
|
रोशन |
|
पहचान |
|
फिर |
|
दौरान |
|
अलावा |
|
देन |
उत्तर:
शब्द |
अर्थ |
---|---|
धुन |
सुर |
मशहूर |
विख्यात |
शुरुआत |
आरंभ |
श्रीगणेश होना |
आरंभ होना |
रोशन |
चमक, विख्यात |
पहचान |
परिचय |
फिर |
पुन: |
दौरान |
समय के भीतर |
अलावा |
सिवाय |
देन |
अवदान |
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