SCERT Assam Class 8 Hindi Chapter 4 – “जलाशय के किनारे कुहरी थी” Summary & Solutions
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📖 अध्याय परिचय:
यह पाठ प्रकृति और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। इसमें जलाशय के किनारे होने वाली घटनाओं और जीवों के आपसी संबंधों को खूबसूरती से प्रस्तुत किया गया है।
- प्राकृतिक सौंदर्य: जलाशय के किनारे का वातावरण।
- जीव-जंतुओं का जीवन: जलाशय के आसपास रहने वाले जीव-जंतु और उनका परिवेश।
- पर्यावरण संरक्षण: प्रकृति और जीवों के प्रति हमारी जिम्मेदारी।
📌 मुख्य विषय:
- जलाशय का पर्यावरण क्यों महत्वपूर्ण है?
- इस पाठ में जीव-जंतुओं के कौन-कौन से उदाहरण दिए गए हैं?
- पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए मनुष्य की क्या भूमिका है?
- इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
📝 Ospin Academy कैसे मदद करता है?
- संपूर्ण समाधान: SCERT Assam Class 8 Hindi Chapter 4 के सभी उत्तर।
- MCQs और अतिरिक्त प्रश्न: परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न।
- सरल व्याख्या: समझने में आसान भाषा में समाधान।
- त्वरित पुनरावृत्ति नोट्स: परीक्षा से पहले पढ़ने के लिए संक्षिप्त नोट्स।
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Class 8 Hindi (Pallav Bhag-III) PDF Solutions 2025-26 | SCERT Assam
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Class 8 Hindi
Chapter – 4 (Ospin Academy)
जलाशय के किनारे कुहारी थी
अभ्यास–माला |
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1. कविता को ध्यान से पढ़ो और उसमें चित्रित जलाशय के सौन्दर्य का वर्णन करो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
2. ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ कविता का भावार्थ अपने शब्दों में लिखो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
3. संक्षेप में उत्तर दो:
(क) जलाशय के किनारे घना अंधकार क्यों छाया हुआ था?
उत्तर: जलाशय के किनारे कुहरा के कारण घना अंधकार छाया हुआ था।
(ख) सुबह प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं?
उत्तर: सुबह होते ही अंधकार खत्म हो जाता है। आसमान में नीले बादल छाने लगते हैं। फूल खिलने लगते हैं, चिड़िया चहकने लगती है, हरे भरे खेत पवन के झोंकों से लहराने लगते हैं आदि आदि।
4. नीचे दिए गए उत्तरों में से एक सही उत्तर चुनो:
(क) आम की डाल कहा आई हुई थी?
(i) जलाशय के किनारे।
(ii) पानी पर।
(iii) नारियल के पेड़ पर।
(iv) ताड़ के पेड़ पर।
उत्तर: (ii) पानी पर।
(ख) किसके यहां–वहा चमक रहे थे?
(i) जुगनूँ के।
(ii) पपिहा के।
(iii) स्यार के।
(iv) कोयल के।
उत्तर: (i) जुगनूँ के।
(ग) लहरें कहा उठ रही थी?
(i) नदी में।
(ii) जलाशय में।
(iii) आकाश में।
(iv) सागर में।
उत्तर: (ii) जलाशय में।
5. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो:
(क) कुहासा कहाँ छाया हुआ था?
उत्तर: कुहासा जलाशय के किनारे छाया हुआ था।
(ख) हवा में किसकी सुगंध मिली हुई थी?
उत्तर: हवा में वन का परिमल सुगंध मिली हुई थी।
(ग) पेड़ो की ओट में छिपकर कौन गा रहा था?
उत्तर: पेड़ो की ओट में छिपकर पपीहे गा रहा था।
(घ) तारे कब छिप गए?
उत्तर: तारे सुबह होने पर छिप गए।
(ङ) तारा कहा चमकने लगा?
उत्तर: तारा अंतर में चमकने लगा।
पाठ के आस-पास |
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1. ऋतु-परिवर्तन से मानव जीवन पर गहरा असर पड़ता है इस कथन पर पाँच पंक्तियाँ लिखो।
उत्तर: विभिन्न प्रकार की ऋतु में रहने के कारण लोगों के व्यवहार में परिवर्तन आना स्वाभाविक है। सर्दियों में हम ठंड से कांपते हैं तो गर्मियों में पसीने और तेज धूप से परेशान हो जाते हैं। इनमें बसंती ऋतु सबसे अच्छी होती है। इस ऋतु में प्रत्येक व्यक्ति बाहर घूमने फिरने का इच्छुक होता है।
2. किस ऋतु में कुहासा छाया रहता है? कुहासे से मानव और प्रकृति को होनेवाले नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करो।
उत्तर: शीत काल का ऋतु में कुहासा छाया रहता है।
3. तुम्हारे परिचित जलाशय के किनारे क्या-क्या देखने को मिलते हैं, पर्यवेक्षण करो और अपने अनुभव साथियों के साथ बाँटो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
4. ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ कविता के बदले यदि शाम पर एक कविता लिखनी पड़े तो तुम कैसे लिखोगे? निम्नलिखित पंक्तियों के आधार पर सोचो:
अचानक – बोला मोर
जैसे किसी ने आवाज दी – ‘सुनते हो’।
चिलम आँधी
धुआँ उठा
सूरज डूबा
अंधेरा छा गया।
– सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
5. आओ, ‘जलाशय के किनारे कुहरी थी’ की तरह सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की अन्य एक कविता को पंक्तियों का आनन्द लें –
पेड़ों के झुनझुने
बजने लगे,
लुढ़कती आ रही है
सूरज की लाल गेंद ।
उठ मेरी बेटी, सुबह हो गई।’
6. जीव–जंतुओं पर ऋतु–परिवर्तन का कैसा प्रभाव पड़ता है, इस विषय पर पांच पंगतियाँ लिखो।
उत्तर: ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है – उसके खानपान, उसके पहनावे, उस समय के त्योहार, उनका स्वास्थय पर प्रभाव।
भाषा–अध्ययन |
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1. कविता में आए क्रियापदों में किस काल की बहुलता है? उदाहरण देकर समझाओ।
उत्तर: कविता में आए क्रियापदों का प्रयोग भूतकाल में हुआ है।
उदाहरण: (i) जलाशय के किनारे कुहरी थी।
(ii) हरे-नीले पत्तों का घेरा था।
प्रथम वाक्य में थूतकाल को स्त्रीलिगं एक वचन में है।
द्वितीय वाक्य मे भुतकाल का पुंलिगं एक वचन में है।
2. निम्नलिखित पंक्तियों में आए शब्दों को गद्यानुरूप क्रम दो:
(क) पपिहा पुकार रहा था छिपा।
उत्तर: छिपा पपिहा पुकार रहा था।
(ख) स्यार विचरते थे आराम से।
उत्तर: स्यार आराम से विचरते थे।
योग्यता–विस्तार |
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1. प्रकृति से संबंधित किसी अन्य कविता का संग्रह करो (प्रयोजन हो तो शिक्षक-शिक्षिका की मदद को)
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
2. ताड़ और नारियल के पेड़ हमारे लिए बड़े उपयोगी होते हैं। ये दोनों लगभग एक ही प्रजाति के वृक्ष हैं। परन्तु इनमें बहुत अंतर हैं। ये वृक्ष हमारे किस काम आते हैं और दोनों में क्या-क्या अंतर हैं- पूरी जानकारी प्राप्त करो।
उत्तर: ताड़ और नारियल के पेड़ हमारे जीवन में अनेक काम आते हैं। नारियल का फल से हमें विभिन्न-विभिन्न काम में ब्यवहार करते हैं। ताड़ का फल से हमें ज्यादा ज्योग नहीं करते हैं। फल का वकला से आजकल रस्सियाँ बनाते हैं। घरेलू जीवन में इसका प्रयोग बहुत होते हैं। आसे इसका अनेक उपयोगिताए हैं। इन दोनों वृक्ष में अंतर है। नारियल के पड़े का पत्ता चिरा होता और ताड़ के पेड़ का पत्ता वृत्त की तरह होता है। नारियल का फल ज्यादा मिठास है।
3. प्रातःकाल का सुंदर दृश्य देखो और अपनी पुस्तिका में उस दृश्य को अंकित करो।
उत्तर: छात्र–छात्री खुद करे।
आओ, पाठ में आए कुछ शब्दों के अर्थ जाने:
शब्द |
अर्थ |
---|---|
कुहरी |
|
जलाशय |
|
डेरा |
|
जुगनूँ |
|
परिमल |
|
मलय |
|
दमके |
|
ताड़ |
|
स्यार |
|
बिचरते थे |
|
लहर |
|
ताक रहे थे |
उत्तर:
शब्द |
अर्थ |
---|---|
कुहरी |
कोहरा, कुहासा |
जलाशय |
जल से पूर्ण स्थान, जैसे तालाब, सरोवर, पोखर आदि |
डेरा |
रहने का स्थान |
जुगनूँ |
जुगनी, खद्योत (अपने शरीर से प्रकाश निकालने वाला एक कीड़ा) |
परिमल |
सुगंध |
मलय |
वायु, पवन, हवा |
दमके |
चमकने लगे |
ताड़ |
ताड़ के पेड़ |
स्यार |
सियार, गीदड़ |
बिचरते थे |
घूमते थे |
लहर |
तरंग |
ताक रहे थे |
देख रहे थे |
SCERT Assam Class 8 Hindi Chapter 4 – जलाशय के किनारे कुहरी थी FAQs
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